हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती – लंबा सफर तय करके महरोली से अजमेर

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के खलीफा हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की सुन्नत को कलंदर और मलंग बरसों बाद भी उसी अंदाज में अदा कर रहे हैं। जिस स्वरुप में इसकी शुरुआत हुई थी।

ख्वाजा साहब की सालाना उर्स की शुरूआत वाली रात तक सभी कलंदर और मलंग करीब 500 किलोमीटर लंबा सफर तय करके दिल्ली स्थित महरोली से अजमेर शरीफ पहुंचते हैं।

500 किलोमीटर पैदल सफर कर कलंदर एवं मलंग अजमेर पहुंचे। अजमेर पहुंचने पर कलंदर एवं मलंग का जोरदार स्वागत किया गया। गंज स्थित उस्मानी चिल्ली पर उर्स हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के मौके पर चिड़ियों के जुलूस का आयोजन किया गया।

देश के कोने-कोने से आए मलंग गंज स्थित उस्मानी चिल्ली पर एकत्रित हुए। गाजे-बाजे के साथ जुलूस दिल्ली गेट से होते हुए दरगाह पहुंचा। मलंग कलंदर अपने हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए छड़ियों को लेकर दरगाह पहुंचे।

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