राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के बीच चल रहे घमासान का अंत नहीं दिख रहा आसान
राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप मंगलवार को सचिन पायलट कि घर वापसी के बाद होता दिखाई दिया । लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई 32 दिनों की दूरियां जल्द सुलझते नही दिख रही है ।
लोकतंत्र बचाने के लिए सहना पड़ रहा है – मुख्यमंत्री गहलोत
पायलट की घर वापसी के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए सब सहना पड़ता है गहलोत ने कहा कि जो एपिसोड हुआ है एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहे, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके हमारी सरकार बनाई थी हमारी सबकी जिम्मेदारी उस विश्वास को बनाए रखने और प्रदेश की सेवा करने की बनती है उन्होंने कहा कि हम सब आपस में मिलकर काम करेंगे जो हमारे साथी चले गए थे वह भी वापस आ गए हैं । मुझे उम्मीद है कि सब गिले-शिकवे दूर कर के सब मिलकर प्रदेश की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे ।
मैं तो कहीं गया ही नहीं था घर वापसी का सवाल ही नहीं उठता – पायलट
विवाद के बाद लोटे कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहां की मैं तो कहीं गया ही नहीं था तो वापसी का सवाल ही नहीं उठता है उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है लेकिन वह चाहते हैं कि उनके साथ आवाज उठाने वाले विधायकों के खिलाफ कोई द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं हो और उनके प्रति द्वेषपूण राजनीति नहीं होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया गया है ।
कब तक कमेटी करेगी अपना काम कब मिलेगी राहत इसका रहेगा इंतजार
प्रदेश में चले घमासान से कोंग्रेस को भले ही कुछ राहत मिली हो लेकिन जनता को इस विवाद के बीच नुकसान ही उठाना पड़ा है सरकार को बने डेढ़ साल बीत गया लेकिन सरकार द्वारा किये वादों को पूरा करने में सरकार नाकाम रही है यह आरोप भाजपा ने नही कोंग्रेस नेता सचिन पायलट के है । फिलहाल कोंग्रेस के आला नेताओ द्वारा सुलझाए गए विवाद के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट कुछ शांत है लेकिन यह शांति कितने दिनों तक रहेगी यह कहना मुश्किल है कोंग्रेस द्वारा कमेटी बनाने की बात कही गई लेकिन यह कमेटी कब तक अपना काम शुरूकर पायलट खेमे को राहत देती है इसका भी इंतजार रहेगा .