बाड़मेर / जोधपुर – 2001 के सर्वश्रेष्ठ सांसद जसवंत सिंह नहीं रहे
2001 में सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता जसवंत सिंह जसोल 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए पिछले 6 सालों से जसवंत सिंह कोमा में चल रहे थे जसवंत सिंह का जन्म 3 जनवरी 1938 को राजस्थान बाड़मेर के जसोल गांव में हुआ उस समय वह ब्रिटिश भारत राजपूताना राज्य कहा जाता था राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले जसोल की शिक्षा अजमेर की मेयो कॉलेज के साथ ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला से हुई है जसोल 1960 के दशक में भारतीय सेना के अधिकारी रहे और फिर उन्होंने 15 साल के बाद राजनीति में कदम रखा वह सबसे पहले दार्जिलिंग से सांसद चुने गए और उनकी राजनीति चर्चा का विषय बनी और वह 2001 में सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए इसी बीच 2002 से 2004 के बीच वित्त मंत्री का कार्यकाल उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई की सरकार मे संभाला इसके साथ ही उन्होंने विदेश मंत्री का जिम्मा मिला तो उसे भी उन्होंने बखूबी निभाया इसी सरकार के दौरान रक्षा मंत्री के रूप में भी वह अपनी सेवाएं देते दिखे और उनका राजनीतिक करियर परवान पर था लेकिन उम्र के आखिरी पड़ाव में 2014 के बीच बाड़मेर जैसलमेर क्षेत्र से उनका टिकट काट दिया गया और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया बगावत के चलते उन्हें 6 साल पार्टी से निष्कासित भी किया गया बताया जाता है कि इसके कारण उन्हें बड़ा झटका लगा और वह कोमा में चले गए और पिछले 6 साल से वह इसी कोमां से लड़ते हुए इस दुनिया से चले गए जसवंत सिंह जसोल अटल बिहारी वाजपेई के साथ ही भैरों सिंह शेखावत और लालकृष्ण आडवाणी के बेहद करीबी माने जाते हैं अब इस चौकड़ी में लालकृष्ण आडवाणी ही बचे हैं जसवंत सिंह जसोल के निधन के बाद देश भर में गम का माहौल है और सभी राजनीतिक हस्तियां दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रही है ।