अजमेर – बजट घोषणाएं मात्र कागजी पुलिन्दा: देवनानी
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रस्तुत बजट को मात्र कागजी घोषणाओं का पुलिंदा बताते हुए कहा कि बजट जनता को राहत देने के बजाय झूठे भ्रमजाल में उलझाने वाला है।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में कई लोकलुभावन घोषणाएं तो की है परन्तु उनके पिछले 2 बजट में की गई घोषणाओं में से ही 35 प्रतिशत घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है और बाकी बची घोषणाएं भी अभी प्रक्रियाधीन ही है। इस बजट में भी मुख्यमंत्री ने जो बंपर घोषणाएं की है उनमें से कितना और कब तक धरातल पर उतार पाएंगे यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। प्रदेश के बजट से युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं सहित तमाम वर्गों को निराशा हाथ लगी। ना तो आसमान छूती बिजली की दरों में कोई राहत दी गई और ना ही पेट्रोल-डीजल पर वेट घटाकर बढ़ती महंगाई से कोई राहत दी गई है जबकि राजस्थान में पड़ौसी राज्यों की तुलना में ये दोनों दरें बहुत अधिक है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बजट में भी बेरोजगारों के साथ छलावा किया है। बजट में 50 हजार भर्तियां करने की घोषणा की गई है लेकिन पिछले बजट में घोषित 1 लाख 28 हजार में से मात्र 52 हजार पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है तथा उनमें से अभी तक एक भी पद पर नियुक्ति नहीं दी गई है। एसे में नये 50 हजार पदों की भर्ती की घोषणा स्वप्न ही प्रतीत होती है जबकि देश में सर्वाधिक बेरोजगार राजस्थान में है।
देवनानी ने कहा कि बजट में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की फिर घोषणा की गई है परन्तु हकीकत में कर क्या रहे है। पहले से संचालित स्कूलों को बंद करके या एसा भी कह सकते है कि उनके माध्यम को अंग्रेजी माध्यम में बदला जा रहा है।
विद्यार्थियों के लिए कोई नये भवन, सुविधाएं या शैक्षणिक संसाधन अलग से उपलब्ध नहीं कराये जा रहे।
मुख्यमंत्री ने बजट में पूरे प्रदेश में मात्र 50 नये विद्यालय व 100 विद्यालयों को क्रमौन्नत करने की घोषणा की है जो प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए ऊंट के मुहं में जीरे के समान है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिन बड़ी-बडी घोषणाओं के लिए खुद की पीठ थपथपाई है उनमें से अधिकांश योजनाएं केन्द्र के सहयोग से संचालित होने वाली है। कुछ महत्वपूर्ण व जनउपयोगी योजनाओं की स्वीकृति के स्थान पर मात्र डीपीआर बनाने की घोषणा की गई है। देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाया कि बजट तैयार करने में उन्होंने मुख्यमंत्री से ज्यादा विधायक की भूमिका निभाई है तथा अधिकांश योजनाएं अपने विधान सभा क्षेत्र जोधपुर के लिए स्वीकृत की गई जबकि अजमेर की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। उन्होंने अजमेर शहर की पेयजल समस्या की जानबूझकर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ना तो ब्राह्यणी नदी योजना के लिए कोई प्रावधान किया गया है और ना ही बीसलपुर परियोजना के तृतीय चरण के लिए कोई घोषणा की गई है जबकि वर्तमान में जो द्वितीय चरण के तहत अजमेर में पेयजल आपूर्ति की जा रही है उसकी डिजाईन वर्ष 2021 की जनगणना के आधार पर तैयार की गई थी। सरकार की इस अनदेखी के कारण आने वाले समय में अजमेर की पेयजल व्यवस्था बेपटरी हो सकती है।
देवनानी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में की गई बजट घोषणाओं को थोथा करार देते हुए कहा कि दो साल से राईट टू हैल्थ सुनाई दे रहा है परन्तु अभी तक हुआ कुछ नहीं। सीएचसी को माडॅल रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है परन्तु अजमेर के पंचशील नगर में भाजपा सरकार द्वारा 5 करोड की राशि से बनवाई गई सीएचसी में ना तो कोई विशेषज्ञ चिकित्सक लगा पाए और ना ही अन्य कोई चिकित्सा सुविधा मुहैया करा पाए।
देवनानी ने यह भी कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ हमेशा से छलावा करती आई है। अन्नदाता को राहत देने के नाम पर होहल्ला खूब किया गया लेकिन जब देने की बारी आई तो पीछे हट गई। मुख्यमंत्री ने पिछले बजट में किसानों को दिन में बिजली देने का राग अलापा था लेकिन वर्ष भर किसानों को कड़ाके की ठण्ड में भी रात में ही बिजली दी गई। किसानों के बिजली बिल में 833 रूपये प्रतिमाह की दी जा रही सबसिडी को फिर से चालू करने के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई।