अजमेर-अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए गहलोत लगा रहे अनर्गल आरोप: देवनानी

अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए गहलोत लगा रहे अनर्गल आरोप: देवनानी
– दो साल का कार्यकाल हर मोर्चे पर विफल साबित

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहे है। उनसे खुद का घर नहीं संभल रहा है और खुद को अस्थिरता के भंवर में फंसा महसूस कर रहे है।
देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार के मंत्रियों, कांग्रेस के विधायकों व संगठन के पदाधिकारियों के बीच दो साल से चल रही रस्साकस्सी जगजाहिर है। सब जानते है कि पिछले दिनों गहलोत साहब को कैसे 32 दिनों तक अपने मंत्रियों व विधायकों को बाड़ेबंदी में रखना पड़ा। गहलोत बार-बार कभी होर्स ट्रेडिंग तो कभी बकरा मण्डी जैसे बयान देते रहे है जबकि उनकी पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक मालवीय ने गत दिनों सार्वजनिक मंच से कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासी संकट के समय दो बार बीटीपी विधायकों को 5-5 करोड़ रूपये दिये।
देवनानी ने कहा कि अपनी कुर्सी व सरकार को अस्थिरता में देखकर बौखलाए गहलोत बार-बार भाजपा पर ऐसे आरोप लगा रहे है जिनमें ना तो कोई सच्चाई है और ना ही उनका कोई आधार। उन्होंने कहा कि गहलोत अपने आलाकमान की नजरों में नम्बर बढ़ाने के लिए मोदी जी की हर बात का विरोध करते है। केन्द्र द्वारा गरीब किसान के कल्याण के लिए लागू किये गये नये कृषि कानूनों को लेकर भी किसानों को गुमराह कर रहे है। केन्द्र पर किसानों के साथ संवादहीनता का आरोप झूठा लगा रहे है जबकि प्रधानमंत्री मोदी स्वंय व गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य मंत्री व भाजपा नेता लगातार देश के किसानों से बात कर नये कृषि कानूनों के महत्व को समझा रहे है। मोदी सरकार पर देश का बैंड बजाने का आरोप लगा रहे है जबकि मोदी जी के नेतृत्व में देश ने जो उपलब्धियां हासिल की है वो इन्हें दिखाई नहीं दे रही। धारा 370 हटाना, सर्जिकल स्ट्राईक, 3 करोड परिवारों को उज्जवला योजना में निःशुल्क गैस कनेक्शन, गरीब परिवारों के लिए आवास, जीएसटी व्यवस्था, किसानों को पेंशन व फसल बीमा का लाभ, स्वच्छ भारत अभियान के तहत 9 करोड शौचालयों का निर्माण, नई शिक्षा नीति सहित कई एसे महत्वपूर्ण कार्य मोदी सरकार ने किये है जिससे आमजन लाभान्वित हो रहा है।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत का दो साल का कार्यकाल हर मोर्चे पर विफल साबित हुआ है। चाहे किसानों के पूरे कर्जे माफ करने की घोषणा हो चाहे बेरोजगारों को भत्ता देने की घोषणा। बिजलीं की दरे नहीं बढ़ाने की घोषणा भी कागजी निकली। नई भर्तियों के दावें भी खोखले निकले। पेयजल व्यवस्थाऐं बेपटरी हो चुकी है। विकास के सारे काम ठप्प हो गये है। कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में बंदोबस्त नहीं होने से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में कहीं पर कोई काम हो रहा है तो वो केन्द्र सरकार की योजना से चल रहा हे या फिर विगत भाजपा सरकार की किसी योजना का नाम बदलकर चलाई गई योजना के तहत हो रहा है। सरकार की विफलताओं व प्रदेश के हालातों से जनता का ध्यान बांटने के लिए गहलोत भाजपा पर अनर्गल आरोप लगाना शुरू हो जाते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *