देश के सबसे विख्यात मामले में कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी को 28 साल बाद बरी कर दिया है सन 1992 में अयोध्या में स्थित कथित बाबरी मस्जिद को ढहाया गया था

जयपुर – विवादित बाबरी के सभी आरोपी 28 साल बाद बाइज्जत बरी

देश के सबसे विख्यात मामले में कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी को 28 साल बाद बरी कर दिया है सन 1992 में अयोध्या में स्थित कथित बाबरी मस्जिद को ढहाया गया था इस दौरान कई कारसेवकों की मौत हुई थी और इसमें मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में अपील दायर की गई और इस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने कुल 49 आरोपियों को आरोपी बनाया गया लेकिन फैसला हर बार किन्ही कारणों के चलते रोक  दिया जाता अब इस मामले में 28 साल बाद फैसला आया है उसके बाद इस मामले में केवल 32 आरोपी ही जिंदा बचे मामले में देश के उप प्रधानमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी केंद्रीय मंत्री रहे मुरली मनोहर जोशी कल्याण सिंह उमा भारती विनय कटियार साध्वी ऋत भंगा महंत नृत्य गोपाल दास राम विलास वेदांती सहित 32 संदूक मामले के फैसले का इंतजार कर रही उन्हें कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है न्यायालय के अनुसार केवल अखबार की कटिंग थी इस मामले सबूत नहीं माना जा सकता और इस मामले में किसी अन्य पक्ष की ओर से कोई सबूत पेश नहीं किया गया है जिसके कारण मामले को कमजोर बताते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया 28 साल तक चले इस मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने भी अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाया है और कई बड़े नेताओं के साथ ही साधु महात्माओं को राहत प्रदान की है कोर्ट ने माना कि विध्वंस के लिए कोई प्रचंड नहीं रचा गया घटना पूर्व नियोजित नहीं थी एलआईयू की रिपोर्ट थी कि 6 दिसंबर 1993 को अनुकूनी की आशंका है लेकिन इसकी जांच नहीं कराई गई अभियोजन पक्ष की तरफ से जो साक्ष्य पेश किए गए वे दोषपूर्ण थे इसी के तहत इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया गया ।

इस मामले में जज द्वारा सभी आरोपियों को निर्दोष बताया गया और कहा कि तस्वीरों से किसी को आरोपी नहीं ठहराया जा सकता अयोध्या विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं है घटना के प्रबल साक्ष्य नहीं है सिर्फ तस्वीरों के आधार पर किसी को दोषी नहीं माना जा सकता मुस्लिम पक्ष के वकील जफर कि आप चालानी ने कहा यह फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ है जिसके चलते इस मामले में हाई कोर्ट में अपील की जाएगी ।

इस मामले को लेकर पूरा देश लंबे समय से फैसले का इंतजार कर रहा था अब इस फैसले के बाद कई लोगों को राहत मिली तो मुस्लिम पक्ष को कुछ राहत जरूर हुई है मामले को लेकर अलग-अलग राजनेताओं की कई प्रतिक्रिया सामने आई व्हाट्सएप ने अपने तरीके से कानून को लेकर व्याख्या की ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *