अजमेर – कुल की रस्म और जुम्मा एक ही दिन होगा आयोजित, समय में किया बदलाव
ख्वाजा साहब के उर्स में इस बार कुल की रस्म और जुम्मा एक ही दिन आयोजित किया जाएगा । शनिवार शाम चांद दिखने के साथ ही रजत की 1 तारीख रविवार से मानी गई है । देर रात को ख्वाजा साहब की दरगाह में स्थित महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल आयोजित की गई। इस महफिल में अंजुमन शहजादगान, अंजुमन सज्जादा नशीन और दरगाह दीवान के पुत्र सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। जिनके सदारत में यह महफिल आयोजित हुई । इसके साथ ही दरगाह में धार्मिक रस्मों और रिवाजों की शुरुआत कर दी गई है। 809 वें उर्स का आगाज तोप झांझ और शादियाने गुंजा कर किए गए । इस मौके पर नगाड़े बजाए गए, ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को रोशनी से सजाया गया और मजार पर उर्स की रस्म अदा की गई, ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हजारों की संख्या में अकीदतमंद पहुंच रहे हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इस बार संख्या कम दिखाई दे रही है। छठी शरीफ की फातिहा और जुम्मे की नमाज का समय एक ही दिन होने के कारण कुछ आंशिक बदलाव किए गए हैं । इस संबंध में अंजुमन शहजादगान दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी व अन्य पदाधिकारियों द्वारा बैठक की गई जिसमें बताया गया कि छठी शरीफ के दिन दोपहर 1:00 बजे के स्थान पर 12:15 पर कुल की महफिल होगी और दोपहर 1:10 पर जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी छठी शरीफ के दिन फातिहा सुबह 8:00 बजे आर काट के दालान में होगी तो वही सुबह 10:30 बजे आस्ताने शरीफ में फरियाद पढ़ी जाएगी और दस्तारबंदी की जाएगी इसी तरह से कोविड-19 महामारी का इस उर्स के दौरान पूरा ख्याल रखा जाएगा अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन ने देर रात को मीडिया से बातचीत में तमाम जानकारियां दी ।