अजमेर – राजनीति के पुरोधा, राष्ट्र मार्गदर्शक, जननायक थे अटलजी: वासुदेव देवनानी
वाजपेयी की दूसरी पुण्य तिथि पर किये श्रद्धासुमन अर्पित
अजमेर उत्तर के विधायक व पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटलबिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के पुरोधा, राष्ट्र मार्गदर्शक, जननायक, विलक्षण नेतृत्वकर्ता, दूरदर्शी जननेता थे। यह बात देवनानी ने रविवार को वाजपेयी की द्वितीय पुण्य तिथि पर अपने निवास पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने अटलजी की पुुण्य तिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनकी कविता की पंक्ति ‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा‘, का जिक्र करते हुए कहा कि इन पंक्तियों को जीवन में अपनाते हुए इन जिजीविषा पंक्तियों से प्रेरणा लेते हुए जीवन में किसी भी तरह की परिस्थितियों में हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने स्व. वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में हुए कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत ने दुश्मन देश पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम कर दिया था। वाजपेयी जी के कार्यकाल में ही पोकरण में परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को यह साबित कर दिया गया कि भारत भी किसी से कम नहीं है। इस परीक्षण के जरिए वाजपेयी ने पूर्व विश्व में भारत का लोहा मनवाया और हमारा देश भी शक्तिशाली देशों की श्रेणी में आ गया।
देवनानी ने कहा कि वाजपेयी जी ने हमेशा मूल्य आधारित राजनीति की, जिस पर भाजपा आज भी कायम है। वे बैदाग राजनीतिज्ञ थे जिन पर विरोधी भी कभी कोई आरोप नहीं लगा सके। वे अजातशत्रु थे। आधुनिक व विकसित भारत के निर्माण में उनकी प्रमुख भूमिका रही तथा वे इसके पथ प्रदर्शक रहे।
उन्होंने कहा कि अटलजी ने 1957 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा तथा निर्वाचित हुए। उससे पहले वे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रचारक थे फिर जनसंघ में आए। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय व श्यामाप्रसाद मुखर्जी के साथ वर्षो संघर्ष करके संगठन को खड़ा किया तथा उन लोगों द्वारा सींचा गया पौधा आज वटवृक्ष की तरह खड़ा है। आज भारतीय जनता पार्टी विश्व का सबसे बडा राजनीतिक दल है।
इससे पहले कार्यक्रम में मौजूद भाजपा के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने स्व. वाजपेयी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बताए मार्गों और आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में भाजपा के उपाध्यक्ष जयकिशन पारवानी, मंडल अध्यक्ष दीपेन्द्र लालवानी, महेन्द्र जादम, प्रकाश बंसल, राजेश शर्मा, सुलोचना शुक्ला, नीरज जैन, राजेन्द्रसिंह राठौड, अनिल नरवाल, चन्द्रेश सांखला, अनीश मोयल, धर्मपाल जाटव, प्रकाश मेहरा, सत्येन्द्र शर्मा, गंगाराम सैनी, संजीव चतुर्वेदी, शंकरसिंह रावत, नृसिंह बंजारा, राजीव भारद्वाज, राहुल जयसवाल, अनुपम गोयल, सुरेश नवाल, श्वेता शर्मा, भरत मेघवंशी, नीतराज कच्छावा, सुनीलसिंह राजावत, योगेश व्यास, जातवेद सोनी, विक्रम सिंह, श्याम जोशी, जीतेन्द्र चैहान, प्रेम आनंदकर, विजेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।