अजमेर – नम भूमि में पक्षियों का चारा सहज रहा है उपलब्ध
बर्ड पार्क पर प्रवासी एवं देशी पक्षियों को डेरा
अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किए गए सागर विहार बर्ड पार्क की नम भूमि में प्रवासी एवं देशी पक्षियों को चारा सहज रूप से उपलब्ध हो रहा है। पानी के टीलों के पास मिट्टी काफी नम है इसमें पनपने वाले कीड़े इन प्रवासी पक्षियों के लिए चारा बन जाते हैं। इन पक्षियों की अठखेलियां यहां पर आने वाले लोगों को आपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। वैशाली नगर स्थित सागर विहार कॉलोनी में 90 लाख रूपए की लागत से बर्ड पार्क तैयार किया गया है।
सर्द ऋतु आने के साथ ही ऐतिहासिक आनासागर झील में प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ये पक्षी यहां पर चार माह के लिए अपना डेरा जमा लेते हैं। बर्ड पार्क बनने के साथ ही विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां यहां पर नजर आने लगी हैं। यह क्षेत्र देशी पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षियों का घरौंदा है। बर्ड पार्क देश एवं विदेशी पर्यटकों के आकृषक का केंद्र बनता जा रहा है।
26 हजार 400 वर्ग मीटर में फैला है बर्ड पार्क
जिला कलक्टर एवं अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित और नगर निगम आयुक्त एवं अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड अजमेर के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. खुशाल यादव की नियमित मॉनीटरिंग की वजह से स्मार्ट सिटी के विभिन्न प्रोजेक्ट्स तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में सागर विहार कॉलोनी के पीछे 26 हजार 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बर्ड पार्क तैयार किया गया है। यहां पर मिट्टी के सात – आठ प्राकृतिक टीले बनाए गए हैं। बर्ड पार्क में चारों ओर हरियाली हो इसके लिए पेड़ लगाए जा रहे हैं। प्रमुख रूप से बरगद, पीपल, नीम, गुलमोहर इत्यादि शामिल हैं। वर्तमान में पार्क की कच्ची भूमि पर घास लगाने का काम जारी है।
पक्षियों की सुरक्षा के लिए बनाई चार दीवारी
बर्ड पार्क में चारों तरफ पांच फीट ऊंचाई की चार दीवारी का निर्माण किया गया है। इस पर दो फीट रेलिंग लगाई गई है। पार्क का मुख्यद्वार भी तैयार किया गया है। चार दीवारी बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पक्षियों को आवारा जानवरों से बचाया जा सके। यहां की नम भूमि एवं घास व झाड़ियों को यथावत रखा गया है। यहां पर प्राकृतिक टीलों का निर्माण किया गया है जिन पर पक्षी बैठ सकेंगे। उक्त भूमि में पूर्व में भी पानी भरा रहता था, जिसको यथावत रखा गया है। जिससे पानी की वजह से आने वाले प्रवासी पक्षियों का प्रवास भी यथावत रहेगा।
संकेतकों से मिलेगी जानकारी
आनासागर झील पिछले कई सालों से प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा जगह है। है। झील में कई प्रजातियों के पक्षी आते हैं। हर साल बर्ड वॉच और अध्ययन के लिए छात्र एवं पर्यटक यहां आते हैं। पक्षियों की ज्यादा से ज्यादा आवक देखते हुए इसे तैयार किया गया है। यहां भरतपुर के केवलादेव घना पक्षी अभ्यारण्य की तर्ज पर पक्षियों के चित्र और नाम लिखे संकेतक भी लगाए गए हैं। ताकि आमजन भी प्रवासी पक्षियों को आसानी से पहचान सकें।